महाकुंभ 2025 में किन्नर और जूना अखाड़े के लोग के आने श्रद्धालुओं का उत्साह और भी बढ़ गया जिसमें हजारों साधु संतों ने शाही अंदाज में घोड़ों और रथों पर सवार होकर नगर में प्रवेश किये
साधु संतों का शाही जुलूस करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा था और इसमे रथों पे रखे चांदी के होदो पर सवार
महामंडलेश्वर और दूसरे संत आकर्षण के केंद्र रहे।

साधु संतों का शहर में भव्य प्रवेश
करीब ढाई हजार साल पुरानी परंपरा को निभाते हुए जूना अखाड़े के संन्यासियों कुंभ मेला आगमन को शाही अंदाज देने के लिए भारत के कई हिस्सों से बैंड पार्टियां बुलाई गई थीं इसमें तमाम संत घोड़ों पर जयकारे लगाते हुए दिखाई दिए जूना अखाड़े के रमता पंच दोनों अखाड़ों के संत और साथ आए करीब 1000 साधु संत अब संगम क्षेत्र में ही रूक कर अखाड़े के लिए मेले का इंतजाम करेंगे
14 दिसंबर को होगी इनकी पेशवाई

महाकुंभ क्षेत्र में जून और किन्नर अखाड़े की पेशवाई 14 दिसंबर को होगी जूना अखाड़े का यह सही जुलूस गंगापार के रहीमपुर इलाके से शुरू ।
नगर प्रवेश करने वाले संत शहर के अलग-अलग आश्रमों में रुकेंगे
महाकुंभ मेले में इनके लिए यमुना किनारे मौजगिरी घाट पर अलग से टेंट सिटी बसाई गई

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